नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि शिक्षकों ने टॉवर पर बेचे पकौड़े

उज्जैन | सरकारी स्कूलों में वर्षों से सेवा दे रहे अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। कई दिनों से मांगों लेकर कॉलेज से लेकर सड़क तक नारेबाजी करने वाले अतिथि विद्वानों ने बुधवार शाम टॉवर चौक पर प्रदर्शन किया। यहां पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी के साथ ही अतिथि विद्वान पकौड़ा सेंटर तक लगा लिया और एक प्लेट १५ रुपए में बेचने की आवाज लगाई।

अतिथि विद्वान कई दिनों से मांगों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके लिए सभी ने बुधवार को मिलकर मुख्यमंत्री ने नाम विधायक मोहन यादव को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रदेशस्तरीय आह्वान के तहत गुरुवार को कलेक्टर के माध्यम से अतिथि शिक्षक अपनी पीड़ा शासन के समक्ष व्यक्त करेंगे। इसके बाद जल्द ही आंदोलन को तेज करने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। बता दें कि शासन की तरफ से भी स्कूलों में रिक्त पदों की पूति के लिए संविदा शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने की तैयारी चल रही है। इस विज्ञापन से पहले ही अतिथि शिक्षकों ने अपनी मांगों के लिए विरोध तेज कर दिया है। दरअसल, यह सभी अतिथि शिक्षक स्कूलों में रिक्त पदों पर कार्य कर रहे हैं। विभाग की नई भर्ती से स्कूल के रिक्त शिक्षक पदों की पूर्ति हो जाएगी। इससे कुछ अतिथि शिक्षकों के काम पर भी संकट खड़ा हो सकता है।

पूरी नहीं हो रही घोषणा
अतिथि शिक्षक संघ अध्यक्ष टीना पाटीदार ने बताया कि न्यायालय ने २ से ३ माह की अवधि के लिए अस्थाई कर्मचारी माना है। सरकारी स्कूलों में विगत ८ से १० सालों से अतिथि शिक्षक न्यूनतम १०० से १८० रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अपनी सेवा दे रहे हैं। अतिथि शिक्षक लगातार गुरुजी की तरफ विभागीय परीक्षा लेकर स्थाई करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री कई बार आदेश दे चुके हैं, लेकिन घोषणाओं को पूरा नहीं किया है। प्रदर्शन के दौरान राजेश यादव, गौरव सक्सेना, राहुल जायसवाल, असलम, गोपाल आंजना, राजेश शर्मा, विशाल जैन, कुनिका जाधव, अंजुलता सिंह, चित्रा नातु, नितिन बालोनिया, प्रकाश चौहान, सत्यनारायण, मालवीय, दीपक शर्मा, सुनिली बारोड़, दशरथ सिंह बाघेला, मधुबाला पांचाल आदि उपस्थित रहे।

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